यूपी के बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज से निलंबित डॉक्टर कफील खान के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार से सवाल किए। हाईकोर्ट ने डॉ. कफील खान को निलंबित करने का कारण पूछा है और 5 अगस्त तक यूपी सरकार को अपना जवाब देने को कहा है। जस्टिस यशवंत वर्मा ने खान के निलंबन पर सुनवाई करते हुए युगी सरकार से पूछा कि अब तक विभागीय कार्रवाई पूरी क्यों नहीं की जा सकी है?
अगस्त 2017 में बीआरडी कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी से 60 से अधिक बच्चों की मौत हो गई थी, जिसके बाद डॉ. कफील को निलंबित कर दिया गया था। इस मामले में डॉ. कफील समेत 9 लोगों पर आरोप था, अपना निलंबन खत्म कराने को लेकर उन्होंने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से भी मदद मांगी थी।
सरकार ने इस रिपोर्ट पर 11 माह तक कुछ नहीं किया और इसके बाद दो बिंदुओं पर दुबारा जांच बैठा दी गई। कोर्ट ने कहा कि जांच अधिकारी की रिपोर्ट के बाद आगे की कार्यवाही में 11 माह का विलंब क्यों हुआ है। इसका जवाब नहीं दिया गया है। कोर्ट ने कहा कि सरकार पिछले चार वर्षों से जारी निलंबन आदेश की जानकारी भी दे कि क्यों इतने लंबे से याची को निलंबित रखा गया है।
याची के अधिवक्ताओं की दलील थी कि सुप्रीमकोर्ट के पंजाब नेशनल बैंक बनाम कुंज बिहारी मिश्र केस में दिए गए निर्णय के अनुसार इतने लंबे समय तक याची को निलंबित नहीं रखा जा सकता है। जबकि डॉ. कफील के साथ निलंबित किए गए सात अन्य डाक्टर व मेडिकल स्टॉफ को बहाल कर दिया गया है।
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उधर, डाक्टर कफील खान ने अपने खिलाफ अलीगढ़ विश्वविद्यालय में दिए भाषण को लेकर दर्ज प्राथमिकी को भी हाईकोर्ट में चुनौती दी है। कफील पर आरोप है कि उन्होंने एनआरसी, सीएए को लेकर भड़काऊ भाषण दिए और साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश की। इस याचिका पर मंगलवार तीन अगस्त को सुनवाई होनी है।