लखीमपुर खीरी। लखीमपुर खीरी में रविवार को किसानों के उपद्रव के बाद भड़की हिंसा में चार किसानों सहित आठ लोगों की मौत के बाद अब मामला शांत हो रहा है। किसान नेताओं तथा लखीमपुर जिला प्रशासन के बीच में कई बिंदुओं पर समझौता होने के बाद हिंसक झड़प में मारे गए चार किसानों के परिजनों को 45-45 रुपए आर्थिक मदद दी जाएगी। साथ ही मृतक परिवारों के एक सदस्य को नौकरी और मामले की आठ दिन के भीतर जांच कर आरोपियों की गिरफ़्तारी की जाएगी। सोमवार सुबह से दो राउंड की बैठक के बाद प्रशासन और किसानों के बीच सहमति बन गई है। किसान नेता चार मृतक किसानों का अंतिम संस्कार करने पर राजी हो गए हैं। जिसके बाद किसानों ने शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजने की बात कही।
घायलों को 10-10 लाख की मदद
एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि सरकार की तरफ से 45-45 लाख रुपए का मुआवजा और किसान बिमा से पांच-पांच लाख रुपये दिए जाएंगे। इसके साथ ही परिवार के एक सदस्य को उसकी योग्यता के अनुसार नौकरी दी जाएगी। इसके अलावा घायलों को 10-10 लाख रुपये की मदद दी जाएगी। किसानों की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा पूरे मामले की हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज से न्यायिक जांच भी की जाएगी।
लखीमपुर खीरी में नेताओं को एंट्री बैन
प्रशांत कुमार ने कहा कि जिले में धारा 144 की वजह से किसी भी नेता को एंट्री नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि किसान यूनियन के सदस्यों और किसान नेताओं के आने जाने पर कोई रोक नहीं है।