कोरोना की दूसरी लहर का प्रभाव काफी कम हो गया है, नए संक्रमितों के दैनिक मामलों में भारी कमी देखने को मिली है। हालांकि जब कोरोना की दूसरी लहर पीक पर थी, तो कई राज्य बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं, जिसमें उत्तर प्रदेश भी एक है। सरकारी लापरवाही की वजह से ना जाने कितने लोगों ने दम तोड़ दिया, कई मृतकों को अंतिम संस्कार भी नसीब ना हुआ।
इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने खुलासा करते हुए बताया कि 31 मार्च, 2021 तक के कोरोना काल में 9 महीनों में उप्र के 24 जिलों में मृत्यु का सरकार द्वारा दिए गए आंकड़ों से 43 गुना तक अधिक है। उन्होंने आगे कहा- भाजपा सरकार मृत्यु के आंकड़े को नहीं दरअसल अपना मुंह छिपा रही है।
इससे पहले अखिलेश यादव ने आरोप लगाया था कि कोरोना वायरस संकम्रण से बचाव के लिए ‘रक्षा कवच’ के रूप में प्रचारित टीकाकरण की रफ्तार बीजेपी की ‘संकीर्ण राजनीति’ के चलते धीमी हो चली है। अखिलेश ने कहा कि पूरे राज्य से टीकाकरण में लापरवाही की शिकायतें आ रही हैं। भाजपा की संकीर्ण राजनीति की वजह से कोविड-19 टीकाकरण अभियान की रफ्तार धीमी हो गई है। भाजपा सरकार ने दीपावली तक सबको टीका लगवाने का लक्ष्य घोषित किया है, लेकिन लगता नहीं है कि ऐसा हो पाएगा।
इससे पहले सोमवार को अखिलेश यादव ने भाजपा पर बड़े घोटाले करने का आरोप लगाया था। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भविष्य की खुशहाली का झूठा सपना दिखाने वाला भाजपा नेतृत्व भी अब समझने लगा है कि अगले विधानसभा चुनाव में उसका सत्ता से बाहर होना तय है। भाजपा राज में बच्चों के खाने पर डाका डाला गया है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार में उत्तर प्रदेश की बदहाली की इबारत लिख दी गई है।
जनता त्रस्त है, कानून व्यवस्था ध्वस्त है। सच तो यह है कि प्रदेश में ऐसी सरकार है, जिसमें न मंत्रियों की सुनवाई है, न ही जनता की। अखिलेश यादव ने कहा कि लोगों का विश्वास खो चुकी भाजपा अब चलते चलाते घोटालों की कमाई में लग गई है। भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टालरेंस का मुख्यमंत्री का दावा खोखला साबित हुआ है।