बिजनेस डेस्क। जहां एक तरफ बहुत से लोग नौकरी की मार से चोट खा रहे हैं। वहीं राष्ट्रीय़ सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल के 11वें महीने में कुल 23,47,649 लोगों को रोजगार मिला है।
2018-19 के वित्त वर्ष में अक्तूबर तक कुल 1.49 करोड़ लोगों को रोजगार मिला है। यानि पिछले साल 2019 के नवंबर महीने में लगभग 23 लाख लोगों को संगठित क्षेत्र में नौकरी मिली है।
एनएसओ हर माह ईएसआईसी, ईपीएफओ और पेंशन फंड रेग्यूलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी से मिले डाटा के अनुसार रिपोर्ट को तैयार करती है। मंत्रालय सितंबर 2017 से लगातार नौकरी का डाटा जारी कर रहा है।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक सितंबर 2017 से लेकर के अक्तूबर 2019 के बीच कुल 3.22 करोड़ लोगों ने ईएसआईसी योजना में जोड़े गए हैं। वहीं मार्च 2018 तक कुल 83.35 लाख लोग ईएसआईसी योजना से जुड़े थे।
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2018-19 के वित्त वर्ष में कुल 1.49 करोड़ लोगों को रोजगार मिला है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक सितंबर 2017 से लेकर के अक्तूबर 2019 के बीच कुल 3.22 करोड़ लोगों ने ईएसआईसी योजना में जोड़े गए हैं।
वहीं मार्च 2018 तक कुल 83.35 लाख लोग ईएसआईसी योजना से जुड़े थे। एनएसओ हर माह ईएसआईसी, ईपीएफओ और पेंशन फंड रेग्यूलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी से मिले डाटा के अनुसार रिपोर्ट को तैयार करती है।
नवंबर 2019 में जहां कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) से 8,67,963 लोग जु़ड़े, वहीं 14,33,000 लोग कर्मचारी राज्य बीमा निगम की योजना से जुड़े हैं। इसके अलावा 46,686 लोगों ने नेशनल पेंशन स्कीम में अपना खाता खोला है।
इन आंकड़ों को जारी करते वक्त मंत्रालय ने कहा कि यह केवल संगठित क्षेत्र के रोजगार की तस्वीर को बयां करता है। हालांकि इसके जरिए यह नहीं पता चलता है, कि कितने लोगो असंगठित क्षेत्रों से जुड़े हुए हैं।
ईपीएफओ योजना उन कंपनियों में लागू होती है, जहां पर 20 से अधिक कर्मचारी काम करते हैं। वहीं ईएसआईसी 10 कर्मचारियों वाली कंपनी पर और एनपीएस में 18 से 60 साल का कोई भी व्यक्ति अपना खाता खोल सकता है।