महामारी और महंगाई के बीच एकबार फिर से सारी चर्चा हिन्दुत्व और गौरक्षा पर आकर टिक गई, आरएसएस चीफ मोहन भागवत के बयान के बाद विपक्ष हमलावर है। दलित कांग्रेस ने ट्वीट में लिखा- 2022 में मोहन भागवत ने राष्ट्रपति बनने की तैयारी की होगी तभी इस वक्त हिन्दुत्व को सुधारने की बात कर रहे हैं।
आगे लिखा- आम तौर पर ये लोग गौरक्षकों के कृत्यों की सराहना के लिए माला लेकर खड़े नजर आते थे, इसके पहले ओवैसी ने भी हमला बोला था।
ओवैसी ने कहा था कि गाय के नाम पर कत्ल करने वालों को तो गाय और भैस का अंतर नहीं पता, उनके लिए तो रकबर, पहलू और जुनैद नाम की काफी है। मोहन भागवत ने कहा था कि गाय के नाम पर हिंसा करने वाले हिन्दुत्व के खिलाफ हैं, जो इस देश में मुसलमानों के खिलाफ हैं वह हिन्दू नहीं हैं।
संघ प्रमुख मोहन भागवत बोले- हिंदू और मुस्लिम अलग नहीं, सभी भारतीयों का डीएनए एक है https://t.co/bkfecvXRWE
मोहन भागवत जी यह विचार क्या आप अपने शिष्यों, प्रचारकों, विश्व हिंदू परिषद/ बजरंग दल कार्यकर्ताओं को भी देंगे? क्या यह शिक्षा आप मोदीशाह जी व भाजपा मुख्यमंत्री को भी देंगे?
— digvijaya singh (@digvijaya_28) July 5, 2021
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी भागवत के बयान पर पलटवार किया। दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर पूछा, ”मोहन भागवत यह विचार क्या आप अपने शिष्यों, प्रचारकों, विश्व हिंदू परिषद/ बजरंग दल कार्यकर्ताओं को भी देंगे? क्या यह शिक्षा आप मोदी-शाह व भाजपा मुख्यमंत्री को भी देंगे?”