नई दिल्ली। बिलिकस बानो केस में गुजरात सरकार को बुधवार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने 2002 के गुजरात दंगा मामला में गुजरात सरकार से गैंगरेप पीड़िता बिलकिस बानो को 50 लाख रुपये मुआवजा,घर देने और सरकारी नौकरी भी देने का आदेश दिया है।
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बिलकिस बानो गैंगरेप केस में फैसला सुनाते हुए गुजरात सरकार को दो सप्ताह का समय दिया
बता दें कि कोर्ट ने बिलकिस बानो गैंगरेप केस में फैसला सुनाते हुए यह आदेश दिए हैं। कोर्ट ने इसके लिए गुजरात सरकार को दो सप्ताह का समय दिया है। कोर्ट ने बिलकिस को सरकारी नौकरी और उनकी पसंद की जगह पर सरकारी आवास मुहैया कराए जाने के भी आदेश दिए हैं।
2002 Gujarat riots case: Supreme Court today directed the Gujarat government to pay a compensation of Rs 50 lakh to gangarape survivour Bilkis Bano. Supreme Court also directed the Gujarat Government to provide Bilkis Bano, a government job and accommodation as per rules. pic.twitter.com/dcTTKuj5fi
— ANI (@ANI) April 23, 2019
सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार पर तल्ख लहजे में कहा कि हम आपके खिलाफ कोई टिप्पणी नहीं की
अदालत ने गुजरात सरकार पर तल्ख लहजे में कहा कि खुद को किस्मतवाला समझे कि हम आपके खिलाफ कोई टिप्पणी नहीं कर रहे हैं। बता दें कि गुजरात सरकार बिलकिस बानो को मुआवजे के तौर पर पांच लाख रुपए देने का प्रस्ताव दिया था, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया था। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मुआवजे की रकम को 10 गुना बढ़ाकर 50 लाख कर दिया।
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17 साल बाद सुप्रीम कोर्ट ने बिलिकस बानो के हक में सुनाया यह फैसला
बता दें कि गुजरात दंगों के दौरान बचकर भाग रही बिलकिस और उनके परिवार पर तीन मार्च, 2002 को हथियारों से लैस दंगाइयों ने बिलकिस बानो का गैंगरेप किया। इतना ही नहीं उनकी दो साल की बच्ची को मार दिया गया। बिलकिस बानो के परिवार के कुल 14 लोगों को उस दिन मौत के घाट उतार दिया गया था। तब बिलकिस बानो की उम्र सिर्फ 19 साल थी। इंसाफ के लिए बिलकिस ने कई कोर्ट के दरवाजे खटखटाए। अंत में 17 साल बाद सुप्रीम कोर्ट ने उनके हक में यह फैसला सुनाया है।