ऩई दिल्ली। एक माह के अंदर भारतीय वायु सेना में 10 और राफेल विमान (Rafale Aircraft) शामिल होने वाले हैं। इससे देश की वायु सेना की ताकत और भी अधिक बढ़ जाएगी। अत्याधुनिक तकनीकी से लैस इन 10 राफेल विमानों (Rafale Aircraft) के जुड़ने से सेना के बेड़े में अब राफेल (Rafale Aircraft) की संख्या बढ़कर 21 हो जाएगी। बता दें, 11 राफेल पहले ही देश में आ चुके हैं और अंबाला स्क्वाड्रन में शामिल हैं।
- चीन की हर चाल पर भारतीय वायु सेना की होगी नजर
- अप्रैल में भारत में आएंगे 10 और राफेल विमान
- कुल राफेल लड़ाकू विमानों की संख्या हो जाएगी 21
जानकारी के अनुसार फ्रांस से आने वाले नए राफेल विमानों (Rafale Aircraft) को अंबाला बेस पर रखा जाएगा। इनमें से कुछ अन्य राफेल को बंगाल के हाशिमारा बेस पर भेजा जाएगा, जहां दूसरी स्क्वाड्रन बनाने की प्रक्रिया पहले ही शुरू कर दी गई है। हाशिमारा एयर फोर्स स्टेशन भूटान के करीब है। यह तिब्बत से सिर्फ 384 किलोमीटर दूर है। गौरतलब है कि भारत ने सितंबर 2016 में कुल 36 राफेल जेट के लिए फ्रांस से सौदा किया है। अप्रैल 2021 तक इस ऑर्डर के तहत आधे से ज्यादा राफेल की डिलीवरी पूरी हो जाएगी।
Major boost for IAF, 10 Rafales to join in one month
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— ANI Digital (@ani_digital) March 28, 2021
सरकार के सूत्रों ने कहा, ‘अगले दो से तीन दिनों के अंदर तीन राफेल विमान (Rafale Aircraft) फ्रांस से सीधे उड़ान भरकर भारत पहुंचेंगे। इन विमानों में ईंधन हवा के बीच भरा जाएगा। इसके बाद अप्रैल महीने के दूसरे पखवाड़े में सात से आठ और राफेल विमान (Rafale Aircraft) और उनके ट्रेनर वर्जन भारत पहुंच आएंगे।’ इससे भारतीय वायु सेना को अपने ऑपरेशन में काफी मदद मिलेगी। जानकारी के अनुसार भारत अब 114 मल्टीरोल एयरक्राफ्ट खरीदने का भी समझौता भी करने वाला है। हालांकि, अभी इन्हें भारतीय वायुसेना में शामिल होने में 15 से 20 साल लग जाएंगे।
बता दें, भारतीय वायु सेना के बेड़े में राफेल पिछले साल जुलाई-अगस्त से शामिल करना शुरू किया गया था। इस लड़ाकू विमान के आने के तुरंत बाद ही इन्हें पूर्वी लद्दाख व दूसरे इलाकों में चाइना फ्रंट में पेट्रोलिंग में तैनात कर दिया गया था। राफेल का सेकेंड सेट नवंबर 2020 में भारत पहुंचा था। डबल इंजन राफेल जेट ग्राउंड अटैक, सी अटैक, एयर डिफेंस, न्यूक्लियर स्ट्राइक सहित ढेरों खूबियों से लैस है। फाइटर जेट राफेल लॉन्ग रेंज मिटियोर एयर टू एयर मिसाइल कैरी करने की क्षमता रखता है। भारत इस जेट से अब पाकिस्तान और चीन को कड़ी टक्कर देने की स्थिति में है। यह हैमर मिसाइल से भी लैस है।