हरियाणा के करनाल में भाजपा की बैठक का विरोध करने के लिए एकजुट हुए किसानों पर पुलिस द्वारा लाठी चार्ज की हर किसी ने आलोचना की है। किसान नेता राकेश टिकैत ने नाराजगी जताते हुए कहा- सरकार किसानों के खिलाफ षड्यंत्र रच रही है, उन्हें पीट रही है और उन्हें ही दोषी बता रही है। कांग्रेस नेता श्रीनिवास ने एक फोटो शेयर करके पीएम को चुनौती देते हुए लिखा- क्या हिम्मत है कि इनकी आंखो में देखकर बोल सको तुम मुझे वोट दो मैं तुम्हें लाठी दूंगा?
Haryana: Farmers block Panchkula-Shimla Highway near Chandimandir Toll Plaza in Panchkula to protest the lathi charge in Karnal pic.twitter.com/ZmcPXU93xp
— ANI (@ANI) August 28, 2021
कांग्रेस के ही एक नेता ने कहा- ये भाजपा और आरएसएस का भारत है, यहां किसानों की नहीं सुनी जाती, यहां सरकार लाठी की भाषा बोलती है। गौरतलब है कि लाठी चार्ज से ठीक पहले डीएम ने पुलिसकर्मियों को निर्देश दिया कि जो भी यहां आए बिना सिर फूटे वापस न जाए। किसानों के खिलाफ कार्रवाई के लिए पुलिस की आलोचना की गई और विरोध में कई स्थानों पर सड़कों को जाम किया गया।
प्रभावित सड़कों में फतेहाबाद-चंडीगढ़, गोहाना- पानीपत और जींद-पटियाला राजमार्ग, अंबाला-चंडीगढ़ और हिसार-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग शामिल हैं। हरियाणा भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के प्रमुख गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने आरोप लगाया कि पुलिस ने बर्बरतापूर्वक प्रदर्शनकारी किसानों पर लाठीचार्ज किया, जिसमें कई लोग घायल हो गए।
आज से खोला जाएगा जलियांवाला बाग, पीएम मोदी करेंगे उद्घाटन
करनाल में किसानों पर हुआ लाठीचार्ज न सिर्फ अलोकतांत्रिक है बल्कि अमानवीय भी है। हम इसकी निंदा करते हैं। लोकतंत्र में सभी को अपना विरोध दर्ज करने का संवैधानिक हक है।
लाठी-गोली से सरकार नहीं चला करती, लोगों का दिल जीतकर सरकार चलती है। pic.twitter.com/80uhCKPZF3
— Bhupinder S Hooda (@BhupinderSHooda) August 28, 2021
इस बीच, वरिष्ठ कांग्रेस नेता और दो बार के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने किसानों पर लाठीचार्ज की निंदा की। हुड्डा ने एक ट्वीट में कहा, ‘करनाल में किसानों पर कार्रवाई अलोकतांत्रिक और अमानवीय है। लोकतंत्र में विरोध करने का अधिकार सभी को है। सरकारें गोली के डर से नहीं, बल्कि दिल जीतने से चलती हैं।’ गौरतलब है कि बीजेपी सरकार और उसके नेता, मुख्य रूप से पंजाब और हरियाणा में, तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों की नाराजगी का सामना कर रहे हैं। किसान खासकर राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर, पिछले साल नवंबर के अंत से ही लगातार धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं।