नई दिल्ली। भाजपा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राज्यसभा में एक बार पुन: कांग्रेस को धो डाला। उन्होंने मोदी सरकार की नीतियों का जमकर बचाव किया। मुंबई के घटनाक्रम से लेकर निजीकरण, पेट्रोलियम मूल्यवृद्धि और एलआईसी के आईपीओ तक को लेकर केंद्र सरकार के पक्ष में राय रखी।
भाजपा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बुधवार को राज्यसभा में कांग्रेस पर करारा प्रहार किया। वित्त विधेयक पर चर्चा के दौरान के सिंधिया अपनी बात रख रहे थे। तभी विपक्ष के सदस्यों ने उन्हें टोका और 15-15 लाख रुपये देने के भाजपा के वादे का जिक्र किया। इस पर पलटवार करते हुए सिंधिया ने कहा- ‘मेरा मुंह मत खुलवाना, 15 लाख रुपये की बात करेंगे तो मैं महाराष्ट्र की बात करूंगा। पिछले तीन-चार दिनों में जो रिपोर्ट आ रही है… पहले 100 करोड़ रुपये का हिसाब दें। ये तो सिर्फ मुंबई शहर का है।’
जी-23 की पीड़ा नहीं समझ सकी तो लोगों की पीड़ा क्या समझेगी
सिंधिया यहीं नहीं रुके उन्होंने आरोप लगाया कि निजीकरण को लेकर सरकार की आलोचना कर रही पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार ने ही 2007 में विनिवेश को बढ़ावा देने की बात की थी। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कोरोना संकट का असर सभी लोगों पर पड़ा है, लेकिन कांग्रेस का काम सिर्फ विरोध करना है। उन्होंने कहा कि वह पार्टी ‘जी-23’ के लोगों की पीड़ा को नहीं समझ पाई तो देश के लोगों की पीड़ा क्या समझेगी।
बोले- कांग्रेस ने शुरू किया निजीकरण
सिंधिया ने उच्च सदन में वित्त विधेयक, 2021 पर हुई चर्चा में भाग लेते हुए दावा किया कि 2007 में तत्कालीन संप्रग सरकार ने विनिवेश को विभिन्न सरकारी उपक्रमों में निजीकरण को बढ़ावा देने की बात की थी। उन्होंने दावा किया कि 1991-96 और 2004-14 के दौरान कांग्रेस नीत सरकारों ने सार्वजनिक क्षेत्र के विभिन्न उपक्रमों का विनिवेश किया।
आपके अधूरे सपने पूरे कर रही मोदी सरकार
विपक्षी सदस्यों की टोकाटोकी के बीच सिंधिया ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार आपके अधूरे सपने को ही पूरा कर रही है। उन्होंने दावा किया कि सरकार कोरोना आपदा को विकास का अवसर बनाने के लिए काम कर रही है लेकिन विपक्ष आपदा में राजनीति पर जोर दे रही है।
पेट्रोलियम की कीमतों पर भी विपक्ष को घेरा
भाजपा नेता सिंधिया ने पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर भी विपक्ष पर निशाना साधा और कहा कि पेट्रोलियम पदार्थों पर होने वाला खर्च निकालने के बाद मिलने वाली राशि में 40 प्रतिशत हिस्सा राज्य का होता था और शेष 60 प्रतिशत राशि में भी 42 प्रतिशत राज्यों को मिलता है। उन्होंने कहा कि वास्तव में केंद्र को 36 प्रतिशत राशि ही मिलती है।
जिनके घर शीशे के होते हैं, वे दूसरों पर…
तीखे अंदाज में सिंधिया ने कहा कि महाराष्ट्र में पेट्रोलियम उत्पादों के दाम सबसे ज्यादा हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष को अपने शासित राज्यों में कदम उठाने चाहिए। इस दौरान टोके जाने पर उन्होंने कहा,’मैं इतना कहना चाहता हूं, जिनके घर शीशे के होते हैं, वह दूसरों पर पत्थर नहीं फेंकते।’
एलआईसी के आईपीओ का बचाव
भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का जिक्र करते हुए कहा कि उसका ‘आईपीओ’ आने से निजी पूंजी का प्रवाह बढ़ेगा और नियंत्रण सरकार के पास ही रहेगा। उन्होंने कहा कि सरकार एलआईसी में पारदर्शिता और जवाबदेही लाने पर जोर देगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने स्पष्ट किया है कि एलआईसी में पैसा जमा कराने वाले खाताधारकों की राशि सुरक्षित रहेगी।