प्रयागराज। अयोध्या के राम जन्मभूमि विवाद पर 30 सितंबर 2010 को इलाहाबाद उच्च न्यायाल की लखनऊ पीठ की ओर से सुनाए गए ऐतिहासिक फैसले में तीन जजों की बेंच में शामिल रहे न्यामूर्ति धर्मवीर शर्मा ( Judge Dharamvir Sharma) का शुक्रवार को निधन हो गया।
ऐतिहासिक फैसला सुनाने के बाद जस्टिस शर्मा एक अक्टूबर, 2010 को सेवानिवृत्त हो गए थे। मूल रुप से बलिया के रहने वाले श्री शर्मा ( Judge Dharamvir Sharma ) सेवानिवृत्त के बाद परिवार के साथ लखनऊ में रह रहे थे। वह पिछले कुछ दिनों से बीमार थे। राम मंदिर जन्मभूमि विवाद में जस्टिस वर्मा के अलावा जस्टिस एसयू खान और जस्टिस सुधीर अग्रवाल शामिल थे।
जस्टिस धर्मवीर शर्मा का जन्म 02 अक्टूबर 1948 को बलिया जिले में एक किसान परिवार में हुआ था। वर्ष 1970 में वकालत की डिग्री हासिल करने के बाद जस्टिस शर्मा ने उत्तर प्रदेश में मुख्य कानून अधिकारी और सहायक न्यायिक सचिव जैसे पदों पर काम किया। वर्ष 2002 में उनकी नियुक्ति जिला और सत्र न्यायाधीश के रुप में हुई। अगस्त, 2003 से अगस्त, 2004 के बीच वह उत्तर प्रदेश सरकार में प्रधान न्यायिक सचिव रहे। वर्ष 2005 में अतिरिक्त जज के रुप में इलाहाबाद हाईकोर्ट में उनकी नियुक्ति हुई और सितंबर, 2007 में उन्होंने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के स्थाई जज के रुप में शपथ ली थी।