नई दिल्ली। आज यानी मंगलवार को केंद्र सरकार लोकसभा में संविधान संशोधन बिल पेश करेगी। पीएम मोदी के नेतृत्व में हुई केंद्रीय कैबिनेट ने सोमवार को आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।फैसले की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई। आपको बता दें संसद का सत्र बुधवार को खत्म हो रहा है, इसलिए केंद्र सरकार ने राज्यसभा की कार्यवाही को एक दिन और बढ़ाने का फैसला लिया है।
ये भी पढ़ें :-राहुल गांधी ने फिर दी पीएम को बहस की चुनौती
जानकारी के मुताबिक इस आरक्षण का लाभ उन्हीं को मिलेगा, जो अभी तक किसी आरक्षण के दायरे में नहीं आते।सवर्णों को आरक्षण के लिए मौजूदा कोटा 49.5 फीसदी से 59.5 प्रतिशत किया जा सकता है। इसके लिए संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 में संशोधन करना होगा, जिसमें सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए जातिगत आरक्षण का प्रावधान है।
ये भी पढ़ें :-आरक्षण को लेकर मोदी सरकार का बड़ा फैसला
कांग्रेस के सवर्णों को आरक्षण पर समर्थन देने के ऐलान के बाद विधेयक के राज्यसभा में पारित होने की राह आसान हो गई है। कई दूसरे विपक्षी दल भी चुनाव से ठीक पहले सवर्णो की नाराजगी मोल नहीं लेंगे।इसलिए आरक्षण की कुछ शर्तें हैं –
1-वार्षिक आय आठ लाख रुपए से कम हो।
2-पांच एकड़ से कम खेतिहर जमीन हो।
3-मकान 1000 वर्गफीट से कम में बना हो।
4-निगम की अधिसूचित जमीन 109 गज से कम हो।
5-गैर-अधिसूचित जमीन 209 गज से कम हो।
ये भी पढ़ें :-राफेल मामले में रक्षा मंत्री ने संसद में बोला झूठ, दें इस्तीफा
बतातें चलें कांग्रेस ने आर्थिक रूप से कमजोर, सामान्य वर्ग के लोगों को सरकारी नौकरी और उच्च शिक्षा में 10 फीसदी आरक्षण देने के सरकार के फैसले का समर्थन किया है।