नई दिल्ली। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के प्रमुख जी सतीश रेड्डी ने शनिवार को पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के मिशन शक्ति पर दिए गए बयान पर पलटवार किया है। डीआरडीओ प्रमुख ने कहा कि मिशन शक्ति की प्रकृति ऐसी है कि इसको किसी भी स्थिति में गोपनीय नहीं रखा जा सकता है। उन्होंने बताया कि उपग्रह को दुनियाभर के कई स्टेशनों के जरिये ट्रैक किया जाता है।
DRDO Chief G Satheesh Reddy on P Chidambaram's statement on #MissionShakti : Mission of this nature after a test is conducted can’t be kept secret. The satellite is tracked by many stations across the world. All necessary permissions were taken. pic.twitter.com/A9mYnttZag
— ANI (@ANI) April 6, 2019
अमेरिका और चीन ने भी परीक्षणों को करने के बाद दुनिया को दी थी जानकारी
इस दौरान उनसे यह पूछा गया कि इस तरह के परीक्षण को करने के बाद सार्वजनिक करने की क्या जरूरत थी? क्या चुनावी मौसम में इसके बारे में बताने से पहले सभी संबंधित संस्थानों से मंजूरी ली गई थी? इस सवाल के जवाब में रेड्डी ने कहा कि टेस्ट के बाद इस तरह के मिशन को तकनीकी रूप से गुप्त नहीं रखना चाहिए। उन्होंने बताया कि मिशन शक्ति के लिए सभी जरूरी मंजूरियां ली गई थीं। जी सतीश रेड्डी ने कहा कि अमेरिका और चीन ने भी इस तरह के परीक्षणों को करने के बाद दुनिया को इसकी जानकारी दी थी।
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एंटी-सैटेलाइट मिसाइल टेस्ट का मलबा 45 दिनों के अंदर पूरी तरह हो जाएगा नष्ट
जी सतीश रेड्डी ने बताया कि भारत ने मिशन शक्ति के लिए बहुत ही निम्न कक्षा चुनी ताकि वैश्विक अंतरिक्ष संपत्तियों को मलबे से खतरा न हो। उन्होंने कहा कि एंटी-सैटेलाइट मिसाइल टेस्ट से अंतरिक्ष में जो मलबा तैयार हुआ है, वह 45 दिनों के अंदर पूरी तरह नष्ट हो जाएगा।
पी. चिदंबरम ने कहा था कि न समझ सरकार करती है देश की रक्षा क्षमता का खुलासा
गौरतलब है कि हाल ही में मिशन शक्ति को लेकर पी. चिदंबरम ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि अंतरिक्ष में उपग्रह को मार गिराने की क्षमता हमारे पास कई सालों से रही है। लेकिन उस समय की सूझबूझ वाली सरकार ने देश की इस क्षमता को गोपनीय रखा था। उन्होंने कहा था कि न समझ सरकार ही देश की रक्षा क्षमता का खुलासा करती है।